रामकथा दूर करती है मानव की हर व्यथा : आराधना

रामकथा दूर करती है मानव की हर व्यथा : आराधना


क्षेत्र के तालामझवारा गांव में सूर्यमणि पांडेय द्वारा नवनिर्मित मंदिर पर आयोजित तीन दिवसीय राम कथा के अंतिम दिन गुरुवार को वाराणसी से पधारी मानस कोकिला आराधना ने प्रवच किया। उन्होंने कहा कि रामकथा सुनकर उसे जीवन में उतारने वाले का लोक और परलोक दोनों संवरता है। राम कथा मानव की हर व्यथा को दूर कर देती है। उन्होंने कहा कि जहां संपत्ति के लिए भाई को लात मारा जाता है वहां रावणत्व है और जहां भाई के लिए राज्य को ठोकर मारा जाता है वहां रामत्व है। व्यक्ति के जीवन के अंत में मृत्यु तब सामने दिखायी देती है जब उसे अपना किया गया सारा कर्म दिखायी देता है। उन्होंने कहा कि रावण वह है जो दूसरों को रुलाता है। राम वह है जो दीन दुखियों के आंसू पोछता है।


रामजी के बचपन से ऐसे संस्कार रहे कि रावण सीता के पास राम का नकली रूप धारण कर जाता तो उसके मन में सद्विचार आने लगते। राम के रूप का इतना प्रभाव था कि मरते समय उसने राम नाम का उच्चारण किया। उन्होंने कहा कि बालकों में संस्कार बचपन से ही डालना आवश्यक है। वर्तमान समय में नैतिकता समाप्त हो रही है। इस कारण घर का वातावरण सुधारना आवश्यक है। कथा की शुरुवात ग्राम प्रधान आरती चौबे व मंगला मिश्रा ने कथा वाचक को माल्यार्पण करके किया। वाराणसी से आये आचार्य मनीष पांडेय व नितेश शास्त्री के साथ अन्य विद्वानों ने गंगा आरती व नवचंडी यज्ञ की पूर्णाहुति की। इस मौके पर डा.शैलेन्द्र कुमार सिंह, डा.प्रमोद कुमार सिंह, माला सिंह, पवन गुप्ता, अनुराग सेठ, रत्नाकर चौबे, पुल्लू चौबे, अजय चौबे, शैली गगन, पंकज सिंह, राजेश मिश्रा, राहुल त्रिपाठी, रबी सिंह अन्य रहे।